बारिश शायरी २०२२ : दोस्तों आज हम फिरसे एक बार बारिश के मौसम में बूंद बूंद शब्दों को जोड़कर नई शायरियां लेके आये है, बारिश शायरी २०२२ जो आपको पसंद आये तो अपने प्यार, दोस्तों के साथ व्हॉट्सएप्प फेसबुक पर शेर कर शकते हो…
बारिश शायरी २०२२ | बरसात पे शायरी | हिंदी शायरी

मेरे अश्क भेज रहा हूं बूंद बूंद बारिश में,
भीगकर तुम उसमें खुशियां बनाएं रखना…

छम छम बारिश की बूंदे गिरने लगी,
ऐ महबूब तेरी यादों ने अश्को को भर दिया…

तेरी मोहब्बत में इतने करीब आ गए,
जैसे बारिश की बूंदों में भीग रहे धीरे धीरे…

छाते ने तो बचा लिया बारिश में भीगने से,
तेरी यादों का क्या, अश्को से भिगो दिया…

शिकवा नही है मुझे तेरी गैरमौजूदगी पर,
मगर एक उजाला कम्बख्त अंधेरे में बिखर गया…

किनारे पे रेहकर उसकी गहराई नापी नही जाती,
इश्क़ अगर समंदर है तो डूबना पड़ेगा…

तलाश रही हैं ये नजरें तुझे देखने को,
इतनी बेरूखी ना दिखा, ये आंखे नमी सी है…

छुकर मेरी हथेलियां को, ये बारिश की बूंदे,
तेरे पास होने का ऐहसास दिलाती है…

हजारो होंगे तेरे दीवाने इस जहां में,
मगर हम तो करोड़ो में एक तेरे दीवाने…

इश्क़ और मुश्क ना समझ पाए जो,
भीगी मिट्टी की खुश्बू न जाने बरसात में…
बारिश शायरी २०२२

सिलसिला युही चलता आया है बरसों से,
जब मौसम बदलता है तब बारिश आती है…

तुम तो ना आये मगर तेरी यादों में,
फिरसे बारिश की मौसम आ गई…

चलो भूल जाते है हम सारी खताये,
फिरसे इश्क़ की बारिश में भीग जाते है…

तूने इश्क़ का प्रेम रस पिला दिया ऐसे,
बारिश की हर बूंद को महेसुस किया हो जैसे…
बारिश शायरी २०२२
ऐसे ही मजेदार शायरियाँ को हररोज पाने के लिए हमारे इंस्टाग्राम और फेसबुक पेज पर फॉलो जरूर करें।