दोस्तों आज हम लेके आये है मुसाफिर जिंदगी का पर लेटेस्ट शायरी – अल्फाज हिंदी में। ज़िंदगी एक मुसाफिर की जैसी है बस चलते जाना है। चलिए शुरू करते है मुसाफिर शायरी।
मुसाफिर जिंदगी का – Musafir Zindagi Ka Shayari Hindi Me

कही दुःख है, कही सुख है,
ये मुसाफिर सी ज़िंदगी में,
कभी गम है, कभी खुशी है…

राहगुज़र था में तेरी ज़िंदगी में,
मिली नही मंजिले इस सफ़र में…
मुसाफिर जिंदगी का…

कोन कहेता है आसान है जिंदगी का सफर,
कुछ लोग यहाँ जीने भी नही देते सुकून से

युही चले जाना है जिंदगी के सफर से,
ना कुछ ले जाना है, ना कुछ साथ आएगा।

आये हो दुनिया में, तो हसकर जी लो,
क्या तेरा – मेरा करना इस उलझी हुई जिंदगी में…

मुसाफिर हु इस धुंधली सी जिंदगी का,
धुंआ बनकर उड़ जाऊंगा एक दिन,
बस राख बनकर रह जायेगी जमीन पर…

थक सा गया हूं अब ज़िंदगी के सफ़र में,
अब इंतज़ार है कब ये रास्ता ख़त्म हो जाए…
Musafir Hu Jindagi Ka Bas Chalate Jana he…

बहुत से मुसाफ़िर मिलेंगे सफर ए ज़िंदगी मे,
कोई साथ रेह जायेंगे, कोई बीच रास्ते से बिछड़ जायेंगे…

अजीब है ये जिंदगी के पल,
कभी हँसाते है, कभी रुलाते है।

ज़िंदगी के रास्ते पर चलना आसान नही है,
कभी कभी कंटको पर से भी गुजरना पड़ता है…

मुसाफ़िर हु यारो…
बस चलते जाना है….

मुसाफिर सी है जिंदगी,
रास्ता जैसा चुनोगे,
वैसा मुक़ाम हांसिल होगा…

तक़दीर का लिखा तभी मिलता है इंसान को,
जब वो कर्म करता है, कर्म से ही वो महान बनता है।
Musafir Zindagi Ka…

चलते चलते ज़िंदगी में, ऐसे खो जाएंगे,
जैसे ओझल हो जाते है मुसाफ़िर रास्तों पर…
मुसाफिर जिंदगी का…
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