Barish Ki Mausam : बारिश मौसम में तेरी यादो का बवंडर आ गया हे. छम छम करती बारिश की बूंदो तेरे बदन को छूते ही रोम रोम प्यार से चालक उठता हे. बस तेरे आने का इंतजार हे इस मौसम के साथ कुछ पल बिताना चाहते हे कुछ अनमोल यादें बनाना चाहते हे..
Barish Ki Mausam | Barish Shayari Hindi Me

उसने मुद्दतो के बाद फ़ोन उठाया था मेरा
बारिश हुई तो
गांव में सर्विस चली गई…

वो घाट घाट घाट का
पानी पीकर आई थी और मुझे
इश्क़ करने का तजुर्बा नहीं था….
Barish Ki Mausam

काश
होती कोई रस्म ऐसी भी ज़माने में,
में तुम्हे अपना मानती और तुम मेरे हो जाते !!

तुम जरा आओ तो रूह लाना
में जिस्म से नहीं मिलता

मेरे बदन में जख्मो की भीड़ लगी जा रही हे,
रूह कुचला गया अब मेरे सांसे बेचीं जा रही हे

खो गया था तेरे खयालो में,
तुजे भुलाने में एक जमाना लगा मुझे…

कुछ की बातो में भी डीएम नहीं होता
कुछ की खामोशियाँ भी निशान छोड़ जाती हे…

बहुत लम्बी ख़ामोशी से गुजरा हु में
किसी से कुछ कहने की कोशिश में…

अजीब कश्मकश थी, की जान किसको दे,
सामने बैठी थी और मौत भी…

ले चलो रूह की तलाशी,
तुम्हारी मोहब्बत के अलावा,
कुछ और नहीं मिलेगा
Barish Ki Mausam
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