Sham Ka Intejar :
हर शाम मशरूफ रहते हो तुम बहुत
हर शाम इंतजार रहता है तेरा…
तुम्हे तो याद आती नही मेरी मगर
मुझे हर वक्त रहता है खयाल तेरा…
एक ज़माने से बैठे है यही आस लगाए
के आज आएगा कोई पैगाम तेरा…

हर शाम मशरूफ रहते हो तुम बहुत
हर शाम इंतजार रहता है तेरा…
तुम्हे तो याद आती नही मेरी मगर
मुझे हर वक्त रहता है खयाल तेरा…
एक ज़माने से बैठे है यही आस लगाए
के आज आएगा कोई पैगाम तेरा…