Yaadon ka karwan

यादों का कारवां शायरी

- फकीरा

- फकीरा

अपनेपन का अहेसास मिट जाये, तब शुरू होता है यादों का कारवां...

- फकीरा

यादों में ही कट जाएगी, तन्हाई से भरी सुकून की शाम...

- फकीरा

तुम्हारा यादों में आना, यहाँ हम बारिशों में भीग जाते हैं...

- फकीरा

यादों का कहाँ कोई वक़्त होता है, ज़रा से फ्री पड़े तुरंत शुरू...

- फकीरा

वही शाम, वही मंजर, पर तुम, सिर्फ यादों में...

- फकीरा

यादें ही बची है दिल बहेलाने के लिए, हम अपने आप में ही खुशियाँ बाट लेते है...

- फकीरा

दो बूंद अश्को के बरस पड़े, आने के बाद भी, जाने के बाद भी...

- फकीरा

सफर ऐ जिंदगी में तुम्हारा साथ हो, रास्ता यूँही कट जाएगा हँसते हँसते...