बसंत की बहार | बसंत के मौसम की शायरी हिंदी में 2022

दोस्तों आज हम लेके आए हे बसंत की बहार पे शायरी जो आप अपने दोस्तों को व्हॉट्सएप्प, फेसबुक पर भेज सकते हो. चलिए शुरू करते हे हे बसंत की बहार पे शायरियाँ

बसंत की बहार | Basant Ki Bahar Shayari Hindi me

Fagun Par Shayari

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निखर रही थी तेरे प्यार में राधे,
ऊपर से रंगों भरा बसंत आ गया…

Fagun Par Shayari

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थी वो बसंत की मौसम की तरह,
वो चली गई मगर यादें रह गई।

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सदाबहार हैं तुम्हारी यादें ओर ख़्वाब तुम्हारे
न कोई पतझड़ न कोई बसंत इनका।

Basant Ki Bahar Shayari

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ठंड को अलविदा करती
ये बसंती हवा
ले आई रंग उमंग के…

Basant Ki Bahar Shayari

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हर पतझड समेट तेरी,
कुछ बसंत सा बह जाता मुझमें।

Basant Ki Bahar Shayari

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खिल रहा है गुलशन भी बसंत की बहारो में,
चलो हम दोनों मिलकर और भी रंगीन कर दे।

Basant Ki Bahar Shayari

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पतझड़ मे गिराए थे जिसने पत्ते अपने झोको से,
वहीं हवाए अब बसंत मे साथ निभाने आई है।

Basant Pe Shayari In Hindi : Heartbeatpain

Basant Ki Bahar Shayari

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जब भी बसंत आऐ, धरा भी इतराए,
पीले पीले फूलों से सज कर मंद मंद शर्माए…

Basant Ki Bahar Shayari

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हर कोई साथ छोड़कर चला गया,
जो कहेते थे तुम्हारे साथ है हम,
जब पतझड़ के दिन आये तो सब बिखर गए।

बसंत की बहार

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हस रहे थे लोग मेरी जिंदगी पे,
पड़ाव आया जब पतझड का,
रुको, अभी जलना भी बाकी है,
बहारे खिल उठी है अभी बसंत में।

बसंत की बहार

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खिल रहे है फूल, गुनगुना रहा है भँवरा,
ए प्रेयसी तुम बन जाओ इत्र सी महक,
तो में बन जाऊं बसंत का पलाश।

बसंत की बहार

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मेरी पतझड सी जिंदगी में,
बसंत की बहार हो तुम।

बसंत की बहार

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रंग भरी शाम की महेकती हुई फिजा हो,
बसंत की मौसम में खिलती हुई केसर सी तुम।

बसंत की बहार

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ये जीवनधारा तो रंग बदलती है,
प्यार का रंग तो बसंत की बहारो सा है।

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